बचपना छोड़ दीजिये…….
मैं जब यह पोस्ट टाइप कर रहा हूँ उस वक़्त सभी न्यूज़ चैनल्स पर पुणे में हुए आतंकवादी धमाकों के बारे में ख़बरें दिखाई जा रही हैं….महज कुछ देर पहले…
मैं जब यह पोस्ट टाइप कर रहा हूँ उस वक़्त सभी न्यूज़ चैनल्स पर पुणे में हुए आतंकवादी धमाकों के बारे में ख़बरें दिखाई जा रही हैं….महज कुछ देर पहले…
सुना है समय हर जख्म भर देता है तुम्हे भी तो एक जख्म मिला था तुम सिसक के रोई थी आँखों में कुछ बूँदें ठहर कर पलकों से नीचें ढलक…
हमारे देश में कहा जाता है कि राष्ट्रीय खेल हाकी है…लेकिन ऐसा लगता नहीं है…..उम्र के इस पड़ाव पर हूँ कि अपने देश में किसी खेल को लेकर कोई प्रतिक्रिया…
मुझे यह तो नहीं पता कि मै यह क्यों लिख रहा हूँ…लेकिन मन कर रहा है सो लिख रहा हूँ….हाल ही में एक फिल्म देखी.. थ्री इडियट …बहुत सुना था…
देश के पहले भोजपुरी न्यूज़ चैनल में काम करते हुए एक साल से अधिक का समय बीत चुका है….इस दौरान मैंने इस भाषा को बेहद करीब से देखने कि कोशिश…
पिछले कुछ सालों में पत्रकारिता में जिन बदलावों को देखा उन्हें अब महसूस कर रहा हूँ….प्रिंट से लगायत इलेक्ट्रोनिक तक अब तस्वीर बदल रही है….जब मैं मॉस कॉम कि डिग्री…
पूरा एक साल बीत गया….क्या नया पाया यह तो नहीं बता सकता लेकिन हाँ इतना ज़रूर है कि खोया बहुत कुछ…भले खोने वाली चीज़ों कि संख्या कम हो लेकिन दर्द…
जीनियस जीनियस होता है… उसके जरिये या उसमें अदाकारी का पुट खोजना बेवकूफी होती है। शायद इसीलिये थ्री ईडियट्स आमिर खान के होते हुये भी आमिर खान की फिल्म नहीं…
नागपुर में पहली बार सीमेंट की सड़क 1995 में बनी तो रिक्शे वालों ने आंदोलन छेड़ दिया । रिक्शे वालों का कहना था कि नागपुर में जितनी गर्मी पड़ती है…
ठीक बीस साल पहले 1989 नक्सली संगठन पीपुल्स वार ग्रुप के महासचिव सीतारमैय्या से जब यह सवाल किया गया था कि अगर आपको मौका लगेगा तो क्या आप तत्कालीन प्रधानमंत्री…