इतने उदाहरण काफी हैं थाली में छेद करने के कि कुछ और दूं। इतने में तो थाली छलनी बन जायेगी। मियां बुखारी की यही देशभक्ति है। इस देश में यही होता है।जि स थाली में खाओ उसी में छेद करो। लोकपाल हो या जनलोकपाल हो दोनों में पूरे देश की बात हो रही है। यह बात दीगर है कि कोई अन्ना का समर्थन कर रहा है और कोई नहीं। करप्शन के खिलाफ सभी हैं। लेकिन इसमें मियां बुखारी मुसलमानों के लिए अलग से व्यवस्था चाहते हैं। क्या चाहते हैं यह तो वहीं जाने लेकिन दिल दुखता है और भुजाएं फड़कती हैं यह सुन कर। कभी कभी बेहद अफसोस होता है यह सोचकर कि हमने सहिष्णुता का पाठ क्यों पढ़ा। आजाद और भगत से कहीं अधिक गांधी को क्यों महत्व दिया। यह इसी देश में हो सकता है। कोई खुद तो थाली में छेद करे ही औरों को भी करने की सलाह दे।
इस देश में कसाब को पाल कर रखा जाता है। इस देश में अफजल की खैरियत का पूरा ख्याल रखा जाता है। अजहर मसूद को बाइज्जत उसके साथियों के हवाले कर दिया जाता है। मौका मिलता है तो तिरंगे को जला भी दिया जाता है।
बुखारी बाबा इसकी इजाजत कौन देता है। यही है आपका अपना बनाया इस्लाम। अब देश के मुसलमान कम से कम इतना इस्लाम तो जानते ही हैं कि मुल्क से बढ़कर कोई नहीं होता। लेकिन आप का क्या करे मियां बुखारी। आप हिंदुस्तान में है न लिहाजा आपको पूरी छूट है।

