लिख दिया पेशावर

दर्द, आंसू, चीख

लिखना था सन्नाटा

लिख दिया पेशावर ।
मौत, जुल्म, जिंदगी

लिखना था जज्बात

लिख दिया पेशावर ।

कॉपी, पेंसिल, हरा लिबास

लिखना था इम्तहान

लिख दिया पेशावर ।

जनाजा, कब्र, मय्यत

लिखना था मातम

लिख दिया पेशावर ।

बेबसी, बेसबब, बदहवास

लिखना था बारूद

लिख दिया पेशावर ।।