लोकतंत्र का उत्सव आने वाला है…चुनाव होने वाले हैं…एक बड़ी भीड़ खड़ी हो रही आप से वोट मांगने के लिए….कभी कभी सोचता हूँ की यह चुनाव आख़िर होते ही क्यों हैं…हम जिन्हें जिस शर्त पर चुन कर भेजते हैं इस बात की कोई गारेंटी नही है की वोह जीत जाने के बाद भी उन बातों को ही अमल में ही लायेंगे जो उन्होंने चुनाव लड़ते समय कहीं थी ….आप को नही लगता है की कुछ ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए जिसमे हमारे राजनीतिज्ञ जो कहे वोह कर दिखाने के लिए वोह बाध्य हो….अगर सभी वादे पूरे नही हो सकते हैं तो कम से कम कुछ वादे तो ज़रूर पूरे किए जायें….हो सकता है इस व्यवस्था से राजनीतिज्ञ पार्टियाँ लुभावने वादे करना छोड़ दे….जनता के हित के लिए किए जाने वाले वादे तो बहुत होते हैं लेकिन बात जब हकीकत की कसौटी पर परखी जाती है तो सरे दावे फ़ेलहो जाते हैं…..इस बारे में आप की क्या राय है….ज़रूर लिखिए …….
काशी रहस्य।। सुनो, मैं मणिकर्णिका हूं – भाग 3
मणिकर्णिका का तिलिस्म और कालरात्रि
सुनो, मैं मणिकर्णिका हूं। कल मैंने बिस्सू भैय्या और दैय्या गुरू का किस्सा सुनाया था। यकीन मानों उसके बाद पूरी...
काशी रहस्य।। सुनो, मैं मणिकर्णिका हूं – भाग 2
सुनो, मैं मणिकर्णिका हूं !!!
रूप बदलती भैरवी और बाबा मसान नाथ के साधक...
सुनो, मैं मणिकर्णिका हूं। उस दिन मैंने तुम्हें अपनी इस धरा के...
काशी रहस्य।। सुनो, मैं मणिकर्णिका हूं – भाग 1
सुनो, मैं मणिकर्णिका हूं !!!
यहां हर सूरत में छिपी है कापालिक की भैरवी...
सुनो, मैं मणिकर्णिका हूं। दिन रात जलती हूं। मेरी बांहों में हर वक्त...
कोरोना, कलाकार और सरकार
सत्यदेव त्रिपाठी। कोरोना की बन्दी शुरू हुई, तब से ही हमारे कलाजगत से छिटफुट आवाजें आ रही थीं कि सरकार को कलाकारों की मदद...
गृह मंत्री जीवित हैं, मजदूर मर गए हैं। ट्वीट कर कौन बताएगा?
अच्छा लगा ये जानकर कि देश के गृह मंत्री स्वस्थ हैं, जीवित हैं। सुखी होंगे ये कामना है हमारी। पर गृह मंत्री जी, मजदूर...